Samaj ki tasveer by Sudhir Srivastava
August 25, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
समाज की तस्वीर
समाज की तस्वीर का
बखान क्या करें साहब ?
समाज कोई वस्तु तो है नहीं
जो किसी कारखाने में निर्मित हुई है।
अपने आपको देखिये
फिर चिंतन मनन कीजिये
आपने समाज बनाने की
जितनी जिम्मेदारी निभाई होगी
वैसी ही तस्वीर समाज की
आपको स्पष्ट नजर आयेगी।
समाज की तस्वीर देखने से पहले
अपने आप में झाँकिए हूजूर
समाज की तस्वीर
साफ साफ नजर आयेगी,
आपकी शराफत और बेहयाई की
सारी कहानी खुद ब खुद
आँखों के सामने
आइने की तरह साफ दिख जायेगी।
◆ सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115295921
©मौलिक, स्वरचित
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