Hindi tu sahil by Dr. Indu kumari
September 15, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
हिन्दी तू साहिल
हमारी आत्मा है भाषा
शहद सी मीठी है भाषा
भावों की है अभिव्यक्ति
त्रिभाषा में विविध शक्ति
हमारी हिन्दी बोली खड़ी
लगी सब भाषा की लड़ी
इनसे बढ़ते शब्द भंडार
विविधता में प्यार मनुहार
एकता के सूत्र में बाँधकर
ला बाँधा प्रेम की डोरी से
हिन्दी है राष्ट्र की शान
हमें इन पर है अभिमान
विचार संस्कृति की वाहक
समृद्धि की संवाहक है
वजूद हमारी ये हिन्दी है
हिन्दी ही हमारी है मैया
जिन्दगी जगत में तैरने
वाली एक मात्र है नैया
भाव करती इसमें श्रृंगार
तू साहिल औ मैं पतवार
डॉ इन्दु कुमारी
हिन्दी विभाग
मधेपुरा बिहार
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