Aastha ka karobar by Jitendra Kabir
आस्था का कारोबार
इस देश में चलता है
लोगों की भक्ति और आस्था पर
बहुत से सिनेमा बनाने वालों का कारोबार,
सनसनी फैलाने व लोगों को अपनी तरफ
आकर्षित करने के लिए वो
मनघड़ंत अंधविश्वासों का चौबीस घंटे
करते हैं जमकर प्रचार,
'टीआरपी' और सस्ती लोकप्रियता की
अंधी दौड़ में
कुंद कर रहे हैं ऐसे लोग तार्किकता,
ऐतिहासिकता, यहां तक कि आध्यात्मिकता
की भी धार।
मनमाने ढंग से लिखे गये पौराणिक
व ऐतिहासिक किरदारों को
तकनीकी दक्षता के साथ मिलाकर
पैदा कर देते हैं वो ऐसा प्रभाव
कि बच्चे तो बच्चे बहुत से पढ़े लिखे लोग भी
उसी को सच मानने को हो जाते हैं तैयार,
अब आप सोचिए
सिनेमा को ही सत्य मानने वाली पीढ़ी में
किस तरह से होगा सही ज्ञान का प्रसार,
दर-असल लोगों के लिए जो है
भक्ति और आस्था का आधार
वही ऐसे लोगों के लिए खूब पैसा देने वाला
शुद्ध व्यापार।