Dhwaj trivarn hai chhane ko by Arun kumar sukla

October 23, 2021 ・0 comments

 ध्वज त्रिवर्ण है छाने को,

Dhwaj trivarn hai chhane ko by Arun kumar sukla



है उठी लालिमा पूरब से,

नभ केसरिया कर जाने को।

यह क्षण है दिग नभमण्डल भी,

जय घोषों से दहलाने को । 

विजय दिवस पर शंख फूंक दो ,

 ध्वज त्रिवर्ण है आने को॥.....


 इस भूमी के लाल कई,  

उठी लालिमा पूरब से,

नभ केसरिया कर जाने को। 

यह क्षण है दिग नभमण्डल भी,

जय घोषों से दहलाने को । 

विजय दिवस पर शंख फूंक दो , 

ध्वज त्रिवर्ण है आने को॥.....



 इस भूमी के लाल कई, 

जो जन्में शान बढाने को। 

नहीं गुलामी रोक सकी क्षण,

उस दृढ स्वतन्त्र के भाले को।

सबने हस जान निछावर की, 

निज देह अमर कर जाने को॥

 विजय दिवस पर शंख ....... , 



राष्ट्रगान की अमिट गूंज ,

हर एक कर्ण पड़ जाने दो। 

तम बरबरता हृदि न जकड़े, 

क्रान्ती मसाल जल जाने दो।

 दिग गज पर बल सिंह बनो अब,

शत्रू के रक्त जलाने को॥ विजय दिवस पर शंख फूंक दो....

अरुण कुमार शुक्ल,
जिला सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश

Post a Comment

boltizindagi@gmail.com

If you can't commemt, try using Chrome instead.