#1 समानता का अधिकार - सुधीर श्रीवास्तव نوفمبر 30, 2021 ・0 comments ・Topic: Aalekh समानता का अधिकार सुनने कहने में कितना मीठा, प्यारा लगता है " समानता का अधिकार"। पर जरा धरातल पर आकर देखिये। हर क्षेत्र में स... Read post
#2 सच्चाई सामने जरूर आएगी-जितेन्द्र 'कबीर' نوفمبر 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem सच्चाई सामने जरूर आएगी नुकसान होगा, सोचकर जो तुमने कदम खींच लिए अपने सच्चाई की राह से तो आस्था तुम्हारी सच्चाई पर कभी सच्ची न कहलाएगी, कहानि... Read post
#3 संविधान दिवस विशेष- सुधीर श्रीवास्तव نوفمبر 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem व्यंग्य संविधान दिवस आइए ! मौका भी है दस्तूर भी है हमारे मन भरा फितूर जो है, आज भी हम संविधान संविधान खेलते हैं, जब रोज ही हम पूरी ईमानदार... Read post
#4 संविधान, भारत का परिचय-डॉ. माध्वी बोरसे نوفمبر 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem संविधान, भारत का परिचय! भारत ने 1949 मैं संविधान को अपनाया, संविधान दिवस राष्ट्रीय कानून के रूप में मनाया, डॉ. भीमराव अंबेडकर ने सबसे बड़ा... Read post
#5 मौत से इतना डर क्यों?- जितेन्द्र 'कबीर' نوفمبر 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem मौत से इतना डर क्यों? अब तक ज्यादातर मौत को बताया जाता रहा है भयानक और जीवन को सुंदर, लेकिन बहुत बार देखा है मैंने उससे उलट भी जीवन को भय... Read post
#6 लोकतंत्र पर उल्लू हंसता- डॉ हरे कृष्ण मिश्र نوفمبر 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem लोकतंत्र पर उल्लू हंसता कोई चैनल खोल के देखो, बड़े-बड़े दिग्गज लगते हैं, मानो उनका ज्ञान आंकना, जनता को बहुत कठिन है ।। कभी-कभी मैं भी सुनत... Read post
#7 धैर्य रखिए_डॉ. माध्वी बोरसे نوفمبر 27, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh धैर्य रखिए! आजकल के समय में, सभी के अंदर धैर्य की बहुत कमी है, बहुत सी बार कर्मचारियों से गलती हो जाती है, पर उसे समझाने की जगह मालिक उस पर... Read post
#8 प्रधानमंत्री ( एक व्यक्तित्व )-डॉ हरे कृष्ण मिश्र نوفمبر 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem प्रधानमंत्री ( एक व्यक्तित्व ) मोदी जी पर कविता लिखना, बहुत सरल है सरलता उनकी, बाल काल से कर्मयोगी बन , चला पिता का आज्ञाकारी ।। आज भी उन... Read post
#9 कैसे पल्लवित होंगी प्रतिभाएं?- जितेन्द्र 'कबीर' نوفمبر 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem कैसे पल्लवित होंगी प्रतिभाएं? पलायन करती हैं यहां से प्रतिभाएं, क्योंकि उनको सहेजने, प्रोत्साहित व सम्मानित करने के स्थान पर हम उनका करते ... Read post
#10 करोना आजकल-जयश्री बिरमी نوفمبر 27, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh करोना आजकल बहुत ही बुरा दिन हमने झेले हैं ये विषाणुओं की वजह से ,दिन नहीं साल बोलेंगे तो ही सही रहेगा। जब पहले चीन में हुई शुरुआत तो वीडियो... Read post
#11 लोग क्या सोचेंगे-डॉ. माध्वी बोरसे! نوفمبر 25, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh लोग क्या सोचेंगे! बहुत समय पहले मैंने कहानी सुनी थी, जिसमें एक आदमी अपने गधे के साथ जाता है, जब वह गधे को चलाते हुए जाता है, तो लोग कहते है... Read post
#12 स्वयं को बेहतरीन बनाइए-डॉ. माध्वी बोरसे نوفمبر 24, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh स्वयं को बेहतरीन बनाइए! एक जिंदगी है, दूसरे जन्म का हमें कोई पता नहीं! इतना तो पता है कि हमें इस जिंदगी को प्रसन्नता पूर्वक, सकारात्मक सोच ... Read post
#13 खुद से ना दूर करो- अंकुर सिंह نوفمبر 24, 2021 ・0 comments ・Topic: poem *खुद से ना दूर करो* रूठना हक तुम्हारा, मानना फर्ज हमारा। माफ कर दो अबकी, बिन तुम्हारे मैं हारा।। तुम जितनी रुठोगी, हम उतना मनाएंगे। हो जित... Read post
#14 सुनियोजित अभियान- जितेंद्र कबीर نوفمبر 24, 2021 ・0 comments ・Topic: poem सुनियोजित अभियान एक आठवीं फेल नौजवान इतिहास के एक अध्यापक से बहस के दौरान देकर पूरे इतिहास को झूठा और पक्षपातपूर्ण करार, शून्य कर देता है ... Read post
#15 बड़े चालाक हो मेरे प्रभु - सिद्धार्थ गोरखपुरी نوفمبر 24, 2021 ・0 comments ・Topic: poem बड़े चालाक हो मेरे प्रभु बड़े चालाक हो मेरे प्रभु हर गुत्थी सुलझाए रखते हो। बस हमे ही जीवन मृत्यु के बीच यूँहीं उलझाए रखते हो। आदमी को ठोकर ... Read post
#16 मिलन - अनीता शर्मा نوفمبر 24, 2021 ・0 comments ・Topic: Anita_sharma poem मिलन हो रहा है मधुर मिलन सुदूर गगन धरा का यूँ गोधूली की क्षितिज बेला में। गवाह चाँद सितारे हैं गगन ने झुक चूमा मुख धरा का मुख सुर्ख है। पवन... Read post
#17 बिन तुम्हारे ???- डॉ हरे कृष्ण मिश्र نوفمبر 24, 2021 ・0 comments बिन तुम्हारे ??? जीवन के मूल्यों को मैंने, समझ नहीं पाया है, जुड़ी है मृत्यु जीवन से, इसे समझ नहीं पाया ।। नदी के ये किनारे दो, सागर तट... Read post
#18 कविता- माई से- सिद्धार्थ गोरखपुरी نوفمبر 24, 2021 ・0 comments ・Topic: poem कविता- माई से हम कितने क़ाबिल है ये कमाई तय करती है। हम हमेशा से क़ाबिल हैं ये बस माई तय करती है। हमारे इज्जत का पैमाना तय होता है कमाई से। ह... Read post
#19 सफर - अनीता शर्मा نوفمبر 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem सफर जिंदगी में चुनौतियां बहुत है मगर..... डगर मुश्किल भरी है। सफर तो चुनौतियों भरा है मगर...... बढ़ते जाना बाधाओं से टकराकर। मंजिल की राह क... Read post
#20 प्रेम हमेशा रहेगा- जितेन्द्र 'कबीर' نوفمبر 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem प्रेम हमेशा रहेगा मजबूरियां सांसारिक हैं हमारी ख़त्म हो जाएंगी देह के साथ ही, लेकिन प्रेम अमर है आत्मा की तरह रहेगा तब तक जब तक है जीवन इस ... Read post
#21 कोशिश- अनीता शर्मा نوفمبر 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem "कोशिश" कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। हिम्मत से आगे बढ़ कर प्रयत्न करते जाना है। मन में आत्म विश्वास हो और आत्म नियंत्रण... Read post
#22 आहत - सुधीर श्रीवास्तव نوفمبر 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem आहत कितना आसान है किसी को आहत करना, जले पर नमक छिड़कना । पर जरा सोचिए कोई आपको यूँ आहत करेगा तब कैसा लगेगा? मगर हम सब आदत से लाचार हैं, अप... Read post
#23 जीवन रूपी चाय-डॉ. माध्वी बोरसे! نوفمبر 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem जीवन रूपी चाय! बचपन हमारा, सफेद दूध जैसा, जिंदगी ने लगाया, उबाल यह कैसा, कोई ना, जिंदगी को एक स्वादिष्ट चाय बनाएं, इसकी खुशबू से, जीवन को मह... Read post
#24 किसका कार्य?-डॉ. माध्वी बोरसे! نوفمبر 23, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh किसका कार्य? आज 21वीं सदी में, हम पूरी तरह से दकियानूसी सोच से आजाद हो चुके हैं, फिर भी बहुत से व्यक्ति इस से आजाद नहीं होना चाहते हैं, पुर... Read post
#25 सर्दियां अदरक और हम -जयश्री बिरमी نوفمبر 23, 2021 ・0 comments ・Topic: Aalekh lekh सर्दियां अदरक और हम आयुर्वेद में अदरक के फायदों का वर्णन किया गया हैं ये तो अपने देश में ही नहीं पूरी दुनियां में प्रचलित हैं।अदरक को हम त... Read post
#26 बेमौत मरती नदियां , त्रास सहेंगी सदियां ।-आशीष तिवारी निर्मल نوفمبر 22, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh बेमौत मरती नदियां , त्रास सहेंगी सदियां । छठ पर्व पर एक भयावह तस्वीर यमुना नदी दिल्ली की सामने आयी, जिसमें सफेद झाग से स्नान वा अर्क देते श्... Read post
#27 उड़ गई तितली- देवन्ती देवी चंद्रवंशी نوفمبر 22, 2021 ・0 comments ・Topic: poem उड़ गई तितली कैसे कहूॅ॑ सखी कुछ कही न जाए मन हुई तितली देखो उड़ती जाए कैसे रोकूॅ॑ मेरी बावरी हुई है मन कैसे रोकुॅ॑ प्रीत की आग लगी तन ... Read post
#28 खाया पिया कुछ नहीं ग्लास तोड़ा बारह आना-जयश्री बिर्मी نوفمبر 22, 2021 ・0 comments ・Topic: poem खाया पिया कुछ नहीं ग्लास तोड़ा बारह आना किसान कानून की वापसी कही गढ़ आला पन सिंह गेला न बन जाएं। शिवाजी के बहादुर सैनिक थे तानाजी जिनको कौं... Read post
#29 किस्से मोहब्बत के-तेज देवांगन نوفمبر 22, 2021 ・0 comments ・Topic: poem किस्से मोहब्बत के किस्से मोहब्बत के किसको सुनाएं, सब यहां कहानीकार बने है। लिख दूं गजल मैं, गर किताबों पे, पढ़ने वालो के अभाव बड़े हैं। किस... Read post
#30 कोविड-19 से हुई क्षति की रिकवरी -किशन भावनानी गोंदिया نوفمبر 22, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh कोविड-19 से हुई क्षति की रिकवरी व समाज की बेहतरी के लिए ज्ञान, धन और आर्थिक संपदा अर्जित करने हेतु नए विचारों और नवाचारों के साथ आगे आना ज़... Read post
#31 हम और हमारी आजादी-जयश्री बिर्मी نوفمبر 22, 2021 ・0 comments ・Topic: Aalekh lekh हम और हमारी आजादी कंगना के बयान पर खूब चर्चे हो रहे हैं लेकिन उनके बयान के आगे सोचे तो बहुत कुछ सोचने वाले प्रश्नों का सामना हो जायेगा।कुछ... Read post
#32 358 दिन के आंदोलन से हुई लोकतंत्र की जीत نوفمبر 22, 2021 ・0 comments ・Topic: Aalekh lekh किसान एकता के आगे झुकी सरकार, हुई कृषि कानून की वापसी 358 दिन के आंदोलन से हुई लोकतंत्र की जीत तीन कृषि कानून वापिस हुए। किसानों की जीत हुई... Read post
#33 हाय रे गंतव्य जीवन - डॉ हरे कृष्ण मिश्र نوفمبر 22, 2021 ・0 comments ・Topic: poem हाय रे गंतव्य जीवन चली अचानक गई यहां से, जिसका कोई विश्वास नहीं, अंधकार में टटोल रहा हो , जैसे राही गंतव्य मार्ग को ।। बाल अरुण के रथ पर दे... Read post