कविता : न देना दिल किसी को
न देना दिल किसी को , न लगाना दिल किसी से ,
छीन लेते हैं लोग चैन दिल में आकर ,
दूर रखना सभी को अपने दिल के घर से ।
आएंगे लोग दिल लेने को तुमसे ,
करेंगे बहुत जतन , दिल चुराने को तुमसे ,
आना न उनकी बातों में कभी भी ,
रखना बचाके अपने दिल को उनसे ।
मिलाना न नजरें भूल कर भी किसी से ,
पहुँचता है दिल तक ,
कोई इसी रस्ते से ,
लगे जो चोट टूट जाएगा ,
है ये दिल शीशे के जैसे ।
खोना न कभी अपने दिल को ,
ले न जा पाए कोई इसे धोखे से ,
गया जो एक बार दिल , मिलेगा न दुबारा वो कभी फिर से ,
कीमत न इसकी कोई , महफूज रखना सभी से ।
न देना दिल किसी को न लगाना दिल किसी से ॥
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मौलिक एवं स्वरचित
-सरस्वती मल्लिक (Saraswati mallick)
मधुबनी , बिहार
हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि एवं शायर चन्द्र प्रकाश गौतम (सी.पी. गौतम) का जन्म 13 अगस्त सन् 1995 को उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जनपद के छीतकपुर गाँव में हुआ ।
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई
इन्होंने उच्च शिक्षा स्नातक की पढ़ाई काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से की तथा यहीं से हिन्दी साहित्य में परास्नातक की पढ़ाई भी की ।
स्नातक व परास्नातक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है।
चन्द्र प्रकाश गौतम की हिन्दी साहित्य में विशेष रुचि है ।
इन्होंने कई महत्वपूर्ण कविताओं एवं आलोचनात्मक लेखों का सृजना किया है , जो देश के विभिन्न राज्यों के दैनिक समाचार पत्रों , पत्रिकाओं में प्रकाशित है साथ ही इनकी कुछ रचनाएं भारत के अलावा अमेरिका में भी प्रकाशित हुई हैं
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