हत्याओं का वर्गीकरण- जितेन्द्र 'कबीर'
हत्याओं का वर्गीकरण
दुनिया के बहुत से देशों में
सत्ता धारियों की नीतियों केविरोध में उभरी आवाजों की हत्याएं,
उस देश की संप्रभुता के नाम
जायज ठहरा दी गई,
हत्यारों को किया गया सम्मानित
चमकदार मेडलों, ऊंचे पदों और
कई जगह सत्ता से भी,
बहुत सी जगह किसी विशेष धर्म
अथवा मत को न मानने वालों का
निर्ममता से कर दिया गया
सामूहिक नरसंहार,
और हत्यारों को याद किया गया
महान धर्मगुरु एवं प्रचारक के रूप में,
चली आ रही है सदियों से
ऐसी ही परिपाटी,
जिन राजाओं एवं सम्राटों ने
लाखों करोड़ों की संख्या में हत्याएं की
अपने साम्राज्य को बढ़ाने के नाम पर,
इतिहास में उन्हें दर्शाया गया
महाप्रतापी, वीर विजेताओं के तौर पर,
हत्याओं को राजनीतिक अथवा धार्मिक रंग
जो दे नहीं पाया,
ठप्पा लगा केवल उसके ऊपर हत्यारे का,
बाकी ज्यादातर हत्यारे जाने गये
युग-प्रवर्तक के तौर पर।