स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं अमृत जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में कविता
أبريل 30, 2022 ・0 comments ・Topic: kishan bhavnani poem
स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं अमृत जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में कविता
स्वतंत्रता दिवस की अमृत जयंती
स्वतंत्रता दिवस की अमृत जयंती
मना रहे हैं हम नागरिक सारे
75 वर्ष हो गए आजादी को
फिर भी प्रश्न शेष रह गए थे अधूरे
हिम्मत जज्बा हैं काम करने का तो
मिल जाते हैं प्रश्नों के उत्तर पूरे
हर कदम पर विरोध रहकर भी
सफलता के पथ करने होते हैं पूरे
हर भारतीय को मिलेंगे उत्तर तब
जब मिशनआत्मनिर्भरता के स्वप्न होंगे पूरे
फिर उगलेगी हमारे देश की धरती
सोना चांदी मोती हीरे, सोना चांदी मोती हीरे
लेखक-कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, स्तंभकार कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सन्मुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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