बेटी हुई

 बेटी हुई 

डॉ. इन्दु कुमारी
डॉ. इन्दु कुमारी

धीमी आवाज में 

कहते बेटी हुई। 

पापा देखो तेरी बेटी 

आईपीएस की

 टॉपर हुई।

जिसका नाम सुनकर 

ही सवा हाथ धरती 

नीचे खिसक जाती थी 

उन बेटियों को देखो

 ढाई हाथ ऊपर 

आ रही है।


 गर्भ में जिसे

 दफन कर देते 

उन के बल पर

 ओ मेरे पापा

 दुनिया नाज करती है।

दहेज के कारण मारी जाती 

वही मशालें जला रही।

वृद्ध आश्रम में छोड़ रहे बेटे 

बेटियां बुढ़ापे की दीप बनी।

 टूट रही समाज की 

दकियानूसी रिवाज 

की बेड़िया। 

इज्जत के नाम पर 

मारी जाती बेटियां।

आज मातृभूमि के 

सेवा में प्रहरी बनी बैठी।


 घर की दहलीज में

 रखने वाले देख 

उनकी शक्तियां। 

सोच बदलो पापा मेरे

 भाई मेरे 

समाज के बिचौलिए 

बदल रही है दुनिया। 

बहुत दफना चुके अब

 आगे बढ़ रही है बेटियां

 दूर हो रही सिसकियां।

       डॉ.इन्दु कुमारी

 मधेपुरा बिहार

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