चुनाव के पहले और बाद में
चुनाव के पहले और बाद में
जितेन्द्र 'कबीर' |
जनता के सामने
विनम्र याचक मुद्रा में नेता
लोकतंत्र के पर्व की
सबसे सार्थक तस्वीर है,
चुनाव के बाद भी अगर
जनता और नेता की स्थितियों में
अदला-बदली न हो
तो लोकतंत्र किसी देश के लिए
सबसे अच्छी व्यवस्था हो जाती है,
यह अलग बात है कि हमारे देश में
चुनाव के तुरंत बाद
नेता शासक के रुआब में एवं
जनता याचक की मुद्रा में आ जाती है
और यही बात हमारे देश में
लोकतंत्र की खराब अवस्था को दर्शाती है।
चुनाव के समय
नेता का लोगों के घर-घर जाकर
उनका हालचाल एवं समस्याएं
सुनने-सुलझाने की कवायद
जनता में लोकतंत्र के प्रति उम्मीद जगाती है,
यह अलग बात है कि हमारे देश में
चुनाव के तुरंत बाद से जनता
नेताओं की प्राथमिकता से
पूरी तरह गायब हो जाती है
और यही बात हमारे देश में
लोकतंत्र की खराब अवस्था को दर्शाती है।
जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314