गजल -आता है
June 23, 2022 ・0 comments ・Topic: Gazal Siddharth_Gorakhpuri
गजल -आता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी |
रह - रह कर ये अक्सर सवाल आता है
के क्या कभी मेरा भी खयाल आता है
जवाब देने में कश्मकश बहुत है मगर
कहना पड़ता है के बहरहाल आता है
पुरानी यादों के पन्ने अब पलटते हैं ऐसे
जैसे पुराने साल के बाद नया साल आता है
उसकी बातों में अद्भुत जादू है मानो
यार! उसे बात करना वाकमाल आता है
फक्र है उसको मुझे जस का तस पाया
बात चलती है तो मेरा मिशाल आता है
माना वो आ नहीं सकता हर पल
मगर उसका मशवरा तत्काल आता है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
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