पृथ्वी दिवस

 पृथ्वी दिवस

डॉ. इन्दु कुमारी
डॉ. इन्दु कुमारी

 वसुंधरा को आइए 

पेड़ों से सजाइए 

वन बागों से इस धरा पर 

जीवन की फसलें उगाइए

स्वच्छ जीवन और संस्कार 

 स्वस्थ जीवन अच्छा व्यवहार

 हम मानव गर सुधर जाएं 

पृथ्वी पर स्वर्ग उतर आए 

ना मारा मारी होगी 

ना ही कोई बीमारी होगी 

हम अपने घर सजाते हैं 

उसी तरह धरा को सजाइए 

यह धरती पावन है 

बड़ी ही मनभावन है 

यह धरा है उर्वरा

 सोने उगलती वसुंधरा

 यह शान है अभिमान है

 इस पर ही बसते हमारा प्राण है 

इस मिट्टी के खातिर 

देते सदा बलिदान है 

इस मिट्टी पर जान लुटाना है 

इस पर ज्यादती ना ढाना है 

यही है जीवन का आधार 

इसे सजाए बारंबार 

टिकी है इन पर ही संसार 

इसे न बनाए हम व्यापार  

हरियाली जब धरा पर छाएगी 

तभी जीवन बच पाएगी

 होगी सदा जीवो का कल्याण

 मान मान ओ मानुष मान।

तुम्हारा है कर्तव्य महान 

इस पर अमल करो नादान

बन जाओगे फिर भगवान

बदले में मिलेगा जीवनदान

होगा सबका कल्याण

 मेरा भारत है महान।    

     डॉ. इन्दु कुमारी 

मधेपुरा बिहार

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