Story-पाश्चाताप(pacchatap)
पाश्चाताप आज फिर दोनों लड़कों ने घर में अशांति फैला दी,खूब लड़े थे आपस में कि कुर्सी भी तोड़ दी।महेश बड़ा और समझदार था लेकिन साहिल बद दिमाग...
पाश्चाताप आज फिर दोनों लड़कों ने घर में अशांति फैला दी,खूब लड़े थे आपस में कि कुर्सी भी तोड़ दी।महेश बड़ा और समझदार था लेकिन साहिल बद दिमाग...
पापा हमारे लिए हैं भगवान |papa hamare liye bhagwan hai हमारे पापा हमारे लिए हैं भगवान उनकी पनाह में रहना जैसे हैं वरदान..!! कैसे लिखें हम ...
'देश को जलाने में मीडिया कितना जिम्मेदार'/desh ko jalane me media kitna jimmedar आज देश की दुर्दशा पर रामधारीसिंह दिनकरजी की चंद पंक...
(देश का बुरा सोचने वालों का देश की प्रगति में कितना योगदान?) बयानबाज़ी करने में हर इंसान माहिर है, आज देश के हालातों पर आत्म चिंतन कोई नहीं ...
सुख दुख तो अतिथि हैं, अनन्तानीह दुःखानि सुखं तृणलवोपमम् नातः सुखेषु बध्नीयात् दृष्टिं दुःखानुबन्धिषु ॥ सुख दुख तो अतिथि हैं, बारी-बारी से...
"आम इंसान की परेशानियां" आज आम इंसान के हालातों पर रोटी कपड़ा और मकान फ़िल्म के गानें की चंद पंक्तियाँ याद आ रही है, "ग़रीब को...
प्रथम नारी जासूस को नमन/pratham naari jasoos ko naman २६ जुलाई को जिनकी पुण्य तिथि है ,उन नीरा आर्य को शत शत नमन।५ मार्च १९०२ को उत्त...
"लैंगिक असमानता आख़िर कब तक" "महिलाएं भूमि अधिग्रहण कानून को समझो और अपने हक और अधिकार के लिए आगे आओ" आज़ादी के बाद से ब...
"पढ़ाई के लिए हाॅस्टल सही या घर"/padhai ke liye hostal sahi ya ghar प्राचीन काल में बच्चों को गुरूकुलों में शिक्षा दी जाती थी ताक...
स्वयं के जीवन के निर्णय स्वयं से लीजिए!/swayam ke jeevan ke nirnay swayam se lijiye हम सभी को आम तौर पर माता-पिता, शिक्षकों, मालिकों और अन...
द्रौपदी मुरमू का मयूर गंज से राष्ट्रपति भवन तक का सफर यशवंत सिन्हा का एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार सुना था जिसमें उन्हों ने द्रौपदी मुरमू को ...
अगर आप ईश्वर से थोड़ा डरते होते न करनी पड़े फरियाद हमें अगर आप ऐसे होते न करनी पड़े नफ़रत हमें अगर आप सच्चे होते न करनी पड़े कोई कोशिश हमें...
किसी की सफलता को ना दो निर्भरता का नाम! सफलता किसी के दम पर जीती नहीं जाती, पर कुछ लोगों को यह बात समझ नहीं आती! किसी की सफलता को देखने से ...
हार न मानने की जिद ने पैदा किया कवि और पायी परिस्थितियों पर जीत। ‘ तितली है खामोश’ से सत्यवान ‘सौरभ’ बने उम्दा दोहाकार। हरियाणा राज्य के भि...
सहमा-सहमा आज कौन पूछता योग्यता, तिकड़म है आधार । कौवे मोती चुन रहे, हंस हुये बेकार ।। परिवर्तन के दौर की, ये कैसी रफ़्तार । गैरों को सिर पर ...
एक मजबूत, शक्तिशाली और विकासशील भारत। (उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्...
अत्यधिक ऑनलाइन गेमिंग बच्चों की शिक्षा और सोच पर डाल रही हानिकारक प्रभाव। सरकार बच्चों के लिए ऑनलाइन गेमिंग घंटे को विनियमित कर सकती है। उ...
क्यों वेतनभोगी दुधारू गाय कर के लिए बार-बार दूध दुही जाती है? प्रियंका 'सौरभ' (आखिर एक तनख्वाह से, कितनी बार टेक्स दें और क्यों ? ...