'भारत' नाम से कैसे रुकेगी फर्टिलाइजर की चोरी?
'भारत' नाम से कैसे रुकेगी फर्टिलाइजर की चोरी? वन नेशन, वन फर्टिलाइजर से किसानों को तेजी से खाद की डिलीवरी सम्भव हो सकेगी और साथ ही ...
'भारत' नाम से कैसे रुकेगी फर्टिलाइजर की चोरी? वन नेशन, वन फर्टिलाइजर से किसानों को तेजी से खाद की डिलीवरी सम्भव हो सकेगी और साथ ही ...
"त्वरित इंसाफ़ की अपेक्षा" "कितनी प्यासी है वहशी मानसिकता, कितनी बच्चियों का खून पिएगी? जड़ से उखाड़ दो जानवरों की जाहिलता वरन...
पहाड़ी अंजीर - बेडू पाको बारमासा भारत को प्रकृति का वरदान प्राप्त औषधि वनस्पतियों आयुर्वेद संजीवनी की गाथा औषधि वनस्पतियों आयुर्वेद का एक प्...
अपराध और ड्रग्स के बीच संबंध हज़ारों है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के प्रमुख कारण है- साथियों द्वारा स्वीकार किया जाना, आर्थिक तनाव बढ़ना, सांस...
चापलूसी आत्मप्रशंसा मानवीय अस्तित्व की पसंद होती है - कुछल चाटुकार इसी कमजोरी की सीढ़ी पर चढ़कर वांछित सिद्धि प्राप्त करते रहते हैं चापलूसी...
कविता –प्रेम ( प्रेम पर कविता) प्रेम शब्द जब युवाओं के सामने आया बस प्रेमिका का खुमार दिल दिमाग में छाया पता नहीं युवाओं ने यह दिमाग में क्य...
"एहसास एक लड़की के" दुनिया मेरे लिए ख़ौफ़ की बिहड़ नगरी है,अंधेरों से नहीं मुझे उजालों से डर लगता है, दहलीज़ लाँघने से पहले सौ सला...
भ्रष्टाचार बहुत है राजू और उसके दोस्तों जैसे ही स्टेशन पर पहुंचे उन्हें पता चला कि ट्रेन दो घंटे लेट हैं। उसके बाद वह सभी दोस्त एक बेंच पर ब...
कन्यादान नहीं, कन्या-सम्मान। यह कैसा शब्द है कन्यादान, कौन करता है अपनी जिंदगी को दान, माता- पिता की जान से बढ़कर, कैसे खुश हो सकते है वह, अ...
हां मैं हूं नारीवादी! नारीवाद के प्रमुख प्रकार, स्त्रियों को पुरुषों के समान अधिकार, ऐसा विश्वास या सिद्घांत, भेदभाव का हो देहांत, और ना ह...
बंद होते सरकारी स्कूल दरअसल सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए हैं बल्कि यह इसे चलाने वाली सरकारों, नौकरशाहों और नेताओं का फेलियर है। सरकारी स्कूल प्...
"लेखक और वक्ता समाज का आईना" एक लेखक और वक्ता समाज का आईना होते है। समाज के हर मुद्दों पर लिखन-बोलना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। पर ...
ज्वालामुखी ताउम्र छटपटाती नारी के भीतर का ज्वालामुखी एक दिन चिल्ला -चिल्ला कर फूट पड़ा। आख़िर कब तक तुम्हारी सोच और बंदिशो के दायरे में रहूँ...
आओ अपने पुराने दिनों को याद करें कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन वर्तमान प्रौद्योगिकी युग में भी मनीषियों द्वारा अपने पुराने दिनों को अच्छे ...
कविता: खुद गरीब पर बच्चों को अमीर बनाते हैं पिता खुद गरीब पर बच्चों को अमीर बनाते हैं पिता कभी कंधे पर बिठाकर मेला दिखाते हैं पिता कभी घोड...
श्रमेव जयते 2047 राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन 25-26 अगस्त 2022 संपन्न - श्रमिकों के कल्याण में मील का पत्थर साबित होगा वैश्विक अवसरों का लाभ उठ...