फूस का छप्पर

फूस का छप्पर

फूस का छप्पर
छोटा सा फूस का छप्पर,
बनाया नदियाँ के तट पर |

कच्ची माटी की दीवार,
उस पर बिछे घास के तार |
बबूल की लकड़ी के बने,
दो किवाड़ चौखट पर लगे |
कि टूट गए नीचे गिरकर,
छोटा सा फूस का छप्पर |

संग ऑंधी बहा ले गई,
छत कुटी की उड़ा ले गई |
बच्चे उसके रोने लगे,
तिनका- तिनका चुगने लगे |
नग्न पॉंव धूॅंप में चलकर,
छोटा सा फूस का छप्पर |

तिनके पानी में बह गए,
नन्हे मुख रोते रह गए |
कोई उनको चुप कराऍं,
और इक नया घर बनाऍं |
फिर उसी नदियाँ के तट पर |
छोटा सा फूस का छप्पर |

About author 

निहाल सिंह
-निहाल सिंह
झुन्झुनू ,राजस्थान


Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url