अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर 2022 पर विशेष

अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर 2022 पर विशेष

अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर 2022 पर विशेष
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:। 
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
आओ जातिवाद खत्म करें, शांति का निर्माण करें
आओ शांति की एक ऐसी दुनिया बनाएं, जहां करुणा सहानुभूति सहिष्णुता छाएं, संदेह और घृणा को दूर करें जिसपर हम गर्व करें - एडवोकेट किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर अशांति के प्रतीक प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध, हिरोशिमा नागासाकी में परमाणु बम का उपयोग, सदियों पूर्व राजाओं महाराजाओं द्वारा अन्य राज्यों पर आक्रमण कर उनपर कब्जा करना, अंग्रेजों द्वारा भारत पर आधिपत्य स्थापित करना ऐसे अनेकों उदाहरण अशांति के प्रतीक के रूप में आज इतिहास में दर्ज हैं जिसमें लाखों मनीषियों की जनहानि, आर्थिक चोटें प्राकृतिक संसाधनों पर विपरीत प्रभाव सहित अनेकों हानियों को सहन करने की गवाह परिस्थितियां रही है, इसलिए शांति की ओर कदम बढ़ाने की जरूरत पड़ी और संयुक्त राष्ट्र ने 21 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में घोषित कियाजो हर वर्ष अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2022 की थीम जातिवाद खत्म करें, शांति का निर्माण करें तय किया गया है इसलिए इलेक्ट्रिक मीडिया में उपलब्ध जानकारी के आधार पर हम इस आर्टिकल के माध्यम से शांति पर चर्चा करेंगे।
साथियों बात अगरहमअंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाने की करें तो, जीवन का प्रमुख लक्ष्य शांति और खुशी प्राप्त करना है, जिसके लिए मनुष्य निरंतर कर्मशील तो है लेकिन शांति के लिए प्रयासरत नहीं। पूरा विश्व, समस्त देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। इसी के तहत 21 सितंबर को हर साल पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्य रूप से विश्व स्तर पर शांति बनाए रखने के लिए इस दिवस को मनाए जाने पर मोहर लगी थी, परंतु वर्तमान में कहीं भी शांति के हालात नजर नहीं आते। इस विशेष दिवस के जरिए दुनियाभर के देशों और नागरिकों के बीच शांति के संदेश का प्रचार-प्रसार करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। सफेद कबूतर को शांति का दूत माना जाता है। इसलिए दुनियाभर में शांति का संदेश पहुंचाने के लिए विश्व शांति दिवस पर सफेद कबूतरों को उड़ाकर शांति का पैगाम दिया जाता है तथा एक-दूसरे से भी शांति कायम रखने की अपेक्षा की जाती है।
साथियों इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र से लेकर अलग-अलग संगठनों, स्कूलों और कॉलेजों में शांति दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जीवन का प्रमुख लक्ष्य शांति और खुशी प्राप्त करना है, जिसके लिए मनुष्य निरंतर कर्मशील तो है लेकिन शांति के लिए प्रयासरत नहीं। पूरा विश्व, समस्त देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए प्रयासरत,इसके लिए संयुक्त राष्ट्र द्‍वारा कला, साहित्य, सिनेमा तथा अन्य क्षेत्र की मशहूर हस्तियों को शांतिदूत के तौर पर नियुक्त भी किया गया है। हर साल यह दिवस अलग-अलग थीम पर मनाया जाता है।
साथियों बात अगर हम 2022की थीम की करें तो जातिवाद खत्म करें, शांति का निर्माण करें, रखी गई है। इसका मतलब दुनिया में एक ऐसे समाज का निर्माण करना है, जो किसी भी जाति का हो, सभी के साथ समान व्यवहार करना तथा जो सही मायने में शांति प्राप्त करने के लिए ऐसे समाज के निर्माण कीआवश्यकता को भी दर्शाता है।इसलिए अहिंसा और संघर्ष विराम के माध्यम से विश्व में शांति कायम करना ही इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है। यूएन का आव्हान है, हम आपको संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं क्योंकि हम नस्लवाद और नस्लीय भेदभाव से मुक्त दुनिया की दिशा में काम कर रहे हैं। एक ऐसी दुनिया जहां करुणा और सहानुभूति संदेह और घृणा को दूर करती है। एक ऐसी दुनिया जिस पर हम वास्तव में गर्व कर सकते हैं। शांति को बढ़ावा देने में हम सभी की भूमिका है। और नस्लवाद से निपटना योगदान करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। हम उन ढांचों को तोड़ने के लिए काम कर सकते हैं जो हमारे बीच में नस्लवाद की जड़ें जमाती हैं। हम हर जगह समानता और मानवाधिकारों के लिए आंदोलनों का समर्थन कर सकते हैं। हम अभद्र भाषा के खिलाफ बोल सकते हैं - ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों। हम शिक्षा और सुधारात्मक न्याय के माध्यम से नस्लवाद विरोधी को बढ़ावा दे सकते हैं।

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Kishan sanmukh

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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