मेरा स्वाभिमान दे देना | mera swabhiman de dena
August 28, 2024 ・0 comments ・Topic: Mamta_kushwaha poem
मेरा स्वाभिमान दे देना
चाहत नही किसी तोहफे की भाईबस इस राखी मेरा स्वाभिमान दे देना,
हर शौक तो पूरा किया पिता ने मेरे
उनके बाद मुझे अपना नाम दे देना,
इज्जत खुद कमा लूंगी जमाने में मैं
तुम दूसरी बहनों को सम्मान दे देना,
जो कर दूं मैं गलतियां हजार भी कभी
थप्पड़ भी तुम मुझे सरेआम दे देना,
पर उंगली उठे जब आबरू पर मेरे
बस उस वक्त मुझे बचा लेना,
इस आजाद मुल्क में भी घुटन बहुत है
सुकून वाली मुझे वो शाम दे देना,
बांधी जो आज राखी कलाई पर तेरे
उपहार में मुझे मेरा स्वाभिमान दे देना।
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ममता कुशवाहा
मुजफ्फरपुर, बिहार
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