Desh ko naman by Indu kumari
देश को नमन
हमने अपने सिर पर
बांध लिये कफन
ऐसे देश को नमन--2
जिनके सिर हिमालय
चरणों को धोता सागर
ये हमारे है प्यारे वतन
ऐसे देश को नमन---2
जहां ऋषि -मुनियों
की खिले है चमन
ऐसे देश को नमन--2
जहां की धरती
है सोना उगले
जहां के बच्चे हैं
उस देश के रत्न
ऐसे देश को नमन--2 पावननदिया बहती जहां
एकता का हो संगम
ऐसे देश के नमन
स्व रचित अप्रकाशित रचना
डॉ.इन्दु कुमारी हिन्दी विभाग मधेपुरा बिहार