आखिर तुम हो मेरे कौन?
आखिर तुम हो मेरे कौन? खिलते हो मुरझाते हो, आकर रोज सताते हो। सुन्दर गीत एक सुनाकर, मन बेचैन दर्पण बनाकर । सुधि आते हो बारम्बार, करते हो मुझप...
आखिर तुम हो मेरे कौन? खिलते हो मुरझाते हो, आकर रोज सताते हो। सुन्दर गीत एक सुनाकर, मन बेचैन दर्पण बनाकर । सुधि आते हो बारम्बार, करते हो मुझप...
आखिर तुम हो मेरे कौन? खिलते हो मुरझाते हो, आकर रोज सताते हो। सुन्दर गीत एक सुनाकर, मन बेचैन दर्पण बनाकर । सुधि आते हो बारम्बार, करते हो मुझप...
समय का अनुकूलन: व्यस्त दुनिया में उत्पादकता बढ़ाना" आज के तेज़-तर्रार माहौल में, सफलता प्राप्त करने और तनाव को कम करने के लिए समय का प्...
जन्माष्टमी : हे कृष्ण आओगे न! हे किशन-कन्हैया, सारे जग के तुम हो खिवइयां, नाराज़ हूँ मैं तुमसे, कब तक ये बासुरी बजाओगे. छलनी हो रहा तन-मन और ...
श्रीक़ृष्ण जन्माष्टमी विशेष - श्रीकृष्ण है त्रिलोकी के अधीश्वर कृष्ण सभी भुवनों के स्वामी है, सम्पूर्ण (अखण्ड) हैं, वे धर्म की परम गहराइयों...