shoonya kavita by Jitendra Kabir

October 22, 2021 ・0 comments

 शून्य 

shoonya kavita by Jitendra Kabir


"तुमने मेरे लिए

अब तक किया ही क्या है?"

गुस्से के आवेश में

अक्सर बोल दिए जाने वाले यह शब्द

शून्य पर ला खड़ा कर देते हैं

एक रिश्ते को,

जिसे बनाने, संवारने और निभाने में

चाहे किसी की उम्र लग गई हो।


"मेरी तो किस्मत ही खराब थी,

जो तुम पल्ले पड़ गये।"

कोई काम सही तरीके से न होने की

खीज के फलस्वरूप

अक्सर बोल दिए जाने वाले यह शब्द

आने वाले काफी समय तक

सोचने पर मजबूर कर देते हैं

सामने वाले इंसान को,

जिसने अपनी तरफ से चाहे 

उस काम को सही तरीके से करने के लिए

जान लगा दी हो।


                                      जितेन्द्र 'कबीर'
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314

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