shoonya kavita by Jitendra Kabir
October 22, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
शून्य
"तुमने मेरे लिए
अब तक किया ही क्या है?"
गुस्से के आवेश में
अक्सर बोल दिए जाने वाले यह शब्द
शून्य पर ला खड़ा कर देते हैं
एक रिश्ते को,
जिसे बनाने, संवारने और निभाने में
चाहे किसी की उम्र लग गई हो।
"मेरी तो किस्मत ही खराब थी,
जो तुम पल्ले पड़ गये।"
कोई काम सही तरीके से न होने की
खीज के फलस्वरूप
अक्सर बोल दिए जाने वाले यह शब्द
आने वाले काफी समय तक
सोचने पर मजबूर कर देते हैं
सामने वाले इंसान को,
जिसने अपनी तरफ से चाहे
उस काम को सही तरीके से करने के लिए
जान लगा दी हो।
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