बन्दा नवाज
June 24, 2022 ・0 comments ・Topic: mainuddin_Kohri poem
बन्दा नवाज
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मईनुदीन कोहरी"नाचीज बीकानेरी" |
हर जर्रा - जर्रा उसका ही मोहताज है ।
हर जर्रे - जर्रे में उसकी आवाज है ।।
सारे जहाँ को उस पर ही नाज है ।
वो सबको नवाजता है इसमें भी राज है ।।
हम बन्दे हैं उसके वो बन्दा नवाज है ।
दुनियाँ के साज में उसकी ही आवाज ।।
हम पर भी मेहरबानी उसकी आज है ।
दोनों जहाँ में उसका ही तो राज है ।।
किसी के सर पर वो रखता ताज है ।
चींटी से हाथी तक की रखता वो लाज है ।।
शर्म सबकी रखना उसका ही काज है ।
उसका नाम लेने मे आती क्यों लाज है ।।
सारे आलम मे जिसका बजता डंका आज है ।
वो नेअमते अता करे उस पर हमें नाज है ।।
मईनुदीन कोहरी " नाचीज़ बीकानेरी " मो.9680868028
मोहल्ला कोहरियान् बीकानेर
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