पहले नवोदित आईटूयूटू शिखर सम्मेलन का जबरदस्त आगाज़

 पहले नवोदित आईटूयूटू शिखर सम्मेलन का जबरदस्त आगाज़ 

छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं की पहचान कर सकारात्मक साझा हित एजेंडा स्थापित 

वैश्विक अनिश्चितता के बढ़ते दौर में जल, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा, परिवहन और स्पेस में संयुक्त निवेश बढ़ाने की सहमति सराहनीय क़दम - एड किशन भावनानी गोंदिया

 - वैश्विक स्तरपर भारत के बढ़ते रुतबे, प्रतिष्ठा, साख और आगाज़ से अब भारतीयों को गर्व से यह एहसास हो चला है कि भारत दुनिया का नेतृत्व करने की दिशा में तेजी से चल पड़ा है और अपनी हर कोशिश में सफ़लता के झंडे गाड़ रहा है और देश को गौरवविंत करते हुए प्रतिष्ठा में चार चांद लगा रहा है!!उसमें दिनांक 14 जुलाई 2022 को एक अध्याय और जुड़ गया जब भारत, इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अमेरिका (यूएएस) चार देशों आईटूयूटू द्वारा पश्चिमएशिया क्वाड बनाकर इस समूह को आईटूयूटू का नाम दिया गया है। इसमें आई शब्द का इस्तेमाल इंडिया और इस्राइल के लिए और यू का अमेरिका और युनाइटेड अरब अमीरात के लिए है। चारों देशों के नाम के पहले अक्षर को मिलाकर संगठन का यह नाम रखा गया है। अपने पहले शिखर सम्मेलन में वैश्विक अनिश्चितता के बढ़ते दौर में जल स्वास्थ्य खाद्य सुरक्षा ऊर्जा परिवहन और स्पेस में संयुक्त निवेश बढ़ाने पर सहमति देखकर सकारात्मक एजेंडा स्थापित किया जो, दुनिया को बेहतरी में बदलने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से 14 जुलाई को संपन्न हुए आईटूयूटू शिखर सम्मेलन पर पीआईबी की सहायता से उपलब्ध जानकारी से चर्चा करेंगे। 

साथियों बात अगर हम आईटूयूटू को समझने की करें तो, आईटूयूटू का मतलब भारत, इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अमेरिका (यूएस) है। भारत में यूएई के राजदूत  की ओर से इसे 'पश्चिम एशियाई क्वाड' के रूप में भी जाना जाता है। दरअसल, अक्टूबर 2021 में जब भारत के विदेश मंत्री इज़राइल के दौरे पर थे, तब चार देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। उस समय इस ग्रुप को 'आर्थिक सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच' कहा जाता था। इस समूह का मुख्य मकसद पारस्परिक हित के सामान्य क्षेत्रों, संबंधित क्षेत्रों और उसके बाहर व्यापार और निवेश में आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा करना है। 

साथियों बात अगर हम इजराइल के वर्चुअल मेज़बानी से संपन्न आईटूऊटू में सहमति एजेंडे पर माननीय पीएम के वर्चुअल संबोधन की करें तो,उन्होंने बताया आईटूयूटू फ्रेमवर्क के तहत जल, ऊर्जा, परिवाहन, स्वास्थ्य, स्पेस और खाद्य सुरक्षा के लिए छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त निवेश बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं। उनके मुताबिक, बढ़ती वैश्विक अनिश्चिताओं के बीच हमारा कॉपरेटिव फ्रेमवर्क व्यावहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल है। पूरा विश्वास है कि आईटूयूटू से हम वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, खाद्यसुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे। उन्होंने आईटूयूटू वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा, आज की इस पहली समिट से ही आईटूयूटू ने एक पॉजिटिव (सकारात्मक) एजेंडा स्थापित कर लिया है। हमने कई क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाएं की पहचान की है और उनमें आगे बढ़ने का रोडमैप भी बनाया है। 

साथियों बात अगर हम साथी देशों के संबोधन की करें तो उन्होंने कहा, दुनिया को बेहतर के लिए बदलना चाहते हैं हम, समूह की पहली नेताओं की बैठक में इज़राइल के पीएम भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, वास्तविक समाधान केवल उन देशों के माध्यम से आएगा, जो संसाधनों को एक साथ लाना जानते हैं। हम दुनिया को बेहतर के लिए बदलना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य निजी बाजार को भागीदार बनाना है। चार अलग-अलग देश होने के बावजूद यह स्पष्ट है कि हम सभी एक ही चीज चाहते हैं, जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, बच्चों केलिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा शामिल है और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करना है।

वहीं, समूह की पहली नेताओं की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी बात रखते हुए कहा- आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं उनमें तेजी से जलवायु संकट या बढ़ती खाद्य असुरक्षा शामिल है,यूक्रेन के खिलाफ रूस के क्रूर हमले से अस्थिर बाजारों को और भी बदतर बना दिया गया है। 

साथियों एक बात मानना पड़ेगा आज के आईटूयूटू ने इतने कम समय में जबरदस्त संकल्प, साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए साथ मिलकर भाईचारा करके वैश्विक कल्याण के लिए काम करने की इच्छाशक्ति, विषय वस्तु को चुनकर पूरी दुनिया के लिए मजबूत साझेदारी का गठजोड़ किया है। इन देशों के आर्थिक रिश्ते पहले से ही बहुत अच्छे हैं साथ मिलकर काम करने की बहुत अच्छी शुरुआत हुई है। चार देशों की भूमिका अहम होगी। चुनौती पूर्ण भरे छह विषयों पर दुनिया को सहयोग की आवश्यकता है। अमेरिका के डिप्टी एनएसए ने बहुत सकारात्मक संदेश सम्मेलन के पहले ही दे दिए थे। ग्रीन टेक्नोलॉजी संकल्पों के हिसाब से भारत के बढ़ते हुए चमक-दमक को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि वैश्विक स्तरपर भारत के बिना कोई हल निकलने की गुंजाइश कम होती जा रही है। भारत के वैश्विक स्तरपर आगाज़ को रेखांकित करना होगा। भारत की भूमिका यूरोप और इजराइल के साथ एक सेतु की है और पूरे संदर्भ में भारत एक बड़ा व्यापारिक भागीदार है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पहले नवोदित आईटूयूटू शिखर सम्मेलन का जबरदस्त आगाज़ हुआ हैं। महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं की पहचान कर सकारात्मक साझा हित एजेंडा स्थापित किया गया है। वैश्विक अनिश्चितताओं के बढ़ते दौर में जल स्वास्थ्य खाद्य सुरक्षा ऊर्जा परिवहन और स्पेस में संयुक्त निवेश बढ़ाने की सहमति सराहनीय क़दम है। 

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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