गजल - जानकर
September 01, 2022 ・0 comments ・Topic: Gazal Siddharth_Gorakhpuri
गजल - जानकर
जब आप अलहदा हो गए थे मुझे कंगाल जानकर
तो फिर आज क्या करिएगा मेरा हाल जानकर
मुझे बखूबी इल्म है के जवाब है न आपके पास
फिर क्या करिएगा मेरा कोई सवाल जानकर
मैं अपने में मस्त हूँ मुझे अब न कुरेदिए
आपको तसल्ली नहीं मिलेगी ये बहरहाल जानकर
मैं बिखरा मगर खुद को इकठ्ठा है कर लिया
वैसे आपको ताज्जुब होगा ये कमाल जानकर
मेरी चिंता सता रही है ग़र मुसलसल आपको
मैं चिंतामुक्त हूँ संतोष करिए फिलहाल जानकर
कई साल गुजर गए मगर पूछा न आपने
फिर आ गए हैं क्या इस साल जानकर
आपने जेहन के हर जर्रे में अंधेरा था कर दिया
मैंने आपको चुना था एक मशाल जानकर
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.