Rang kavita by nandini laheja
रंग
ये ज़िन्दगी भी देखो,बड़ी अजीब सी है।
अलग-अलग रंगो, से ये सजी हुई है।
कुछ रंग है खुशियों के,
कुछ रंग गम के भी है।
कुछ रंग लिए है आशाएं,
कुछ निराशाओं से बेरंग भी है।
खुशियों के रंग में हम सब,
चाहते है स्वयं को रंगना।
बस चाहते जीवन में
कभी दुःख न पड़े सहना
तो फिर आओ मिलकर हम सब
,जीवन में चुने आनंद के रंग
हिम्मत भरे जीवन में,
करें निराशाओं अंत।
भूलें गिले शिकवे बैर,
लाएं प्रेम सौहार्द्य आपस में।
स्वयं के जीवन के संग,
भरें दूजों के जीवन में भी रंग।
नंदिनी लहेजा
रायपुर(छत्तीसगढ़)
स्वरचित मौलिक