Mausam by Anita Sharma
October 08, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
"मौसम"
मौसम तो बदलते रहते हैं।
जीवन में कयी पड़ाव आते रहते हैं।
कभी खुशी-कभी गम ।
प्रकृति के बदलते स्वरूप में--
ऋतुये बदलती रहती है।
मानव की मनोदशा भी बदलती है।
हर पल परिस्थिति परिवर्तित होती है।
ग्रीष्म-शीत-बरसात और बसंत।
कुछ ऐसी ही तो मनोदशा भी बदलती है।
जीवन के मौसम उतार-चढ़ाव मौसम की तरहबदल जाते हैं।
कितनी छविया बदलती रहती है।
मौसम नित् नये रूप बदलते हैं।
हर मौसम का असर मानव मन पर स्पष्ट है।
जीवन की चार अवस्था भी मौसम के समान है।
जीवन में पतझड़-बसंत आते हैं।
हर रंग बदलते देखें हैं जीवन में।
मौसम बदलते रहते हैं।।
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