पैदा क्यों होते नहीं, भगत सिंह से लाल।।

March 22, 2023 ・0 comments

पैदा क्यों होते नहीं, भगत सिंह से लाल।।

पैदा क्यों होते नहीं, भगत सिंह से लाल।।
भगत सिंह, सुखदेव क्यों, खो बैठे पहचान।
पूछ रही माँ भारती, तुम से हिंदुस्तान।।
 
भगत सिंह, आजाद ने, फूंका था शंख नाद।
आज़ादी जिनसे मिले, रखो हमेशा याद।।
 
बोलो सौरभ क्यों नहीं, हो भारत लाचार।
भगत सिंह कोई नहीं, बनने को तैयार।।
 
भगत सिंह, आज़ाद से, हो जन्मे जब वीर।
रक्षा करते देश की, डिगे न उनका धीर।।
 
मरते दम तक हम करे, एक यही फरियाद।
भगत सिंह भूले नहीं, याद रहे आज़ाद।।
 
मिट गया जो देश पर, करी जवानी वार।
देशभक्त उस भगत को, नमन करे संसार।।
 
भारत माता के हुआ, मन में आज मलाल।
पैदा क्यों होते नहीं, भगत सिंह से लाल।।

तड़प उठे धरती, गगन, रोए सारे देव।
जब फांसी पर थे चढ़े, भगत सिंह, सुखदेव।।
 
भगत सिंह, आजाद हो, या हो वीर अनाम।
करें समर्पित हम उन्हे, सौरभ प्रथम प्रणाम।।

About author


डॉo सत्यवान 'सौरभ'
कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,
333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045
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