मोहि मिलो गुर सतगुरु पूरा

मोहि मिलो गुर सतगुरु पूरा

मोहि मिलो गुर सतगुरु पूरा
अति सुखकारक और दुखहरन है पूरण सतगुरु श्रीदर्शन
गोंदिया - सृष्टि की पृथ्वी धरा पर सैकड़ों देश रचित हैं परंतु इनमें भारत एक ऐसा देश है जहां हजारों वर्षों से सृजित इस धरा पर संतों महात्माओं अलौकिक दिव्य पुण्य आत्मा का वास रहा है, जो किसी न किसी का रूप धारण कर आते हैं और कष्टों का निवारण कर भाव भक्ति की नींव को और मज़बूती प्रदान कर चले जाते हैं। यह क्रम पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है। वर्तमान समय में भी हम देखते हैं कि हर समाज धर्म जाति में अनेक ऐसी दिव्य आत्माओं का अवतरण हुआ है और मानव कल्याण में लगी हुई हैं। हालांकि सबकी प्रथाएं मान्यताएं कथाएं अलग-अलग हो सकती है परंतु मंजिल एक है, उद्देश्य एक है,डेस्टिनेशन एक है। चूंकि हरे माधव सत्संग गोंदिया में 18-19 मार्च 2023 के विशाल आयोजन में संगतों पर मालिकों की अपार दया रहमत की बरिशें हुई,इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से मालिकों की अपार दया रहमत की गुणगान व्याख्या कर मानव कल्याण में अपना तिल फुल योगदान देंगे।
 
साथियों बात अगर हम अति सुखकारक और दुखहरन है पूरण सतगुरु श्रीदर्शन की करें तो, महाराष्ट्र के प्रेमी भगतों की विनय सुन लंबे अंतराल के पश्चात् माधवनगर कटनी के हरिराया सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब जी का पावन आगमन गोंदिया (महा.) की धरा पर 16 मार्च 2023 को रात्रि लगभग 10 बजे हुआ। हरिराया सतगुरु जी के नगरआगमन की खुशी में भारी संख्या में प्रेमी भक्तों का हुजूम एकत्रित हुआ जिसमें गोंदिया सहित अनेक नगरों-कस्बों से भक्तगण आए। सारी संगतें अपने सतगुरु जी के नगर आगमन की खुशी में पावन दर्शन कर झूम रहीं। सतगुरु साहिबान जी का भव्य स्वागत श्रद्धालु भक्तों ने ढोल-नगाड़ों, शहनाइयों के साथ श्रद्धाभाव से पुष्प वर्षा कर किया। सतगुरुसाहिबान जी के रूहानी कारवां के आगे हरे माधव यूथ टीम एवं हरे रूहानी बालसंस्कार के सेवादार भी मनमोहक प्रस्तुति देते हुए चल रहे। राह में अखियाँ बिछाए खड़े भक्त, नैनों में आँसु और हाथों में प्रेम के पुष्प लिए सतगुरु श्रीचरणों में सत्कार कर रहीं। सतगुरु साहिबान जी के श्री वाहन (कार) के आगे-पीछे खुशी सेनाचते-गाते-झूमते हुए संगतों के भारी हुजूम ही दिख रहे थे। हरे माधव शोभायात्रा जयस्तंभ चौक से प्रारंभ होते हुए, सतगुरु साहिबान जी के रहवास स्थल पहुँची जो 45 मिनट तक चली। पूरा मार्ग हरे माधव, हरे माधव के नादों से गुंजायमान था, पूरे मार्ग को फूलों, रंगोली, दियों से सजाया गया था, मार्ग में जगह-जगह पर स्वागत द्वार बनाये गये। आज भक्तों की वास्तविक दीपावली थी। सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब जी का पावन दीदार कर सभी वर्णों के धर्मप्रेमियों में आत्मिक आनंद की लहर दौड़ पड़ी।
 
आदर्श सिंधी स्कूल ग्राउंड, गोंदिया में दो दिवसीय अयोजित हरे माधव सत्संग में 18 मार्च को पावन हरे माधव सत्संग का आरंभ सायं 7 बजे हरे माधव वाणी अरदास से हुआ। सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब जी की हुजूरी में पावन सत्संग के परम वचन आए। भजन सिमरन की कमाई वाले पूरण सतगुरु का दर्शन प्रेमभाव, श्रद्धाभाव से एकाग्रचित्त होकर करने से अनंत असीम पुण्य फल प्राप्त होते हैं। आप जितना अपने बुद्धिचित्त को पूरण सतगुरु की भाव भक्ति से भरते हो, आपकी दशा उतनी आनंदित होती है और सतगुरु अमृत नाम का रस आने लगता है और अंतर में जपन स्वतः चालू हो जाता है। सभी पूरण संतों, वेदों-उपनिषदों ने पूरण हरिराया सतगुरु के दर्शन की भूरी-भूरी महिमा गाई है। कमाई वाले सतगुरु के दिव्य रूप का दर्शन आप जितना जी भरकर कर सको उतना फलदायक है, अति सुखकारक और दुखहरन है। शिष्य को चाहिए, कि सतगुरु दर्शन के प्रति पपीहे के जैसी पिपासा हो, विरह वियोग का दर्द और तड़प हो। पूरण तत्वदर्शी सतगुरु के दिव्य रूप के दर्शन कर, दिव्य झांकी को निहारते निहारते इंसां का विष से भरा जीवन अमृत आनन्द से चहकने लगता है, दरस कर मन अनन्द, दरस कर मन अनन्द।सत्संग के पावन वचनों के बाद, एल-ई-डी पर हरिराया सतगुरु बाबा ईश्वरशाह साहिब जी की जीव तारण की, सिद्ध योगीजन को शाश्वत मुक्ति का प्रसाद बक्शने की लीला को दर्शाया गया एवं हरे माधव रूहानी बाल संस्कार गोंदिया के बच्चों ने हरे माधव भजनों पर झूम-नाच कर, मनमोहक प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर सभी का मन हर्षित किया, प्रेमी भक्तों ने भी सतगुरु भगति में आनंद मस्त हो, झूम-नाचकर शाश्वत खुशियाँ मनाई एवं भंडारा प्रसाद से मुख पवित्र कर अपने-अपने रहवास स्थानों को प्रस्थान किया।
 
द्वितीय दिवस 19 मार्च 2023 को भी सायं 7 बजे से हरे माधव सत्संग, हरे माधव वाणी अरदास से प्रारंभ हुआ। सतगुरु जी के आगमन एवं श्री चरण वंदना पश्चात अगले क्रम में हरे माधव रूहानी बाल संस्कार एवं हरे माधव यूथ टीम गोंदिया तथा कटनी द्वारा भावपूर्ण एकांकी चरण कमल भरोसा तेरा प्रस्तुत की गई, जिसमें भगतों पर हुई सतगुरु जी की प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष मेहर के कुछ जिक्रों को मंचित किया गया। पात्रों के अभिनय ने पूर्ण रूप से संगतों को एकांकी से जोड़े रखा। इस एकांकी का सारगर्भित भाव यह रहा कि पूरण सतगुरु केवल प्रेम भाव के भूखे हैं एवं जिन भगतों के अंदर सतगुरु प्रेम का घाव लगा है, वे फिर दैहिक या तथा भौतिक दृष्टि से चाहे अभावग्रस्त हों, पर वे सतगुरु प्रेम धारण कर, प्रभु के भाणे में राजी रह हर पल शाश्वत सुख माणते है। तत्पश्चात हरे माधव भजन रागों से सारा आभामण्डल प्रेमामय सा हो गया। आज के इस पावन सत्संग में सतगुरु दर्शन मेहर पाने संगतो की तादाद कल से भी कई अधिक रही, चहुंओर प्रेमी भगतों के मुस्कराते एवं खुशियों में झूमते हुए चेहरें दिख रहे हैं, मानों सभी उम्र बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी वर्ग, धर्मो की संगतें एक ही साचे भगतिमय रंग में रंग चुके हैं।पावन हरे माधव सत्संग में हजारों की संख्या में उड़ीसा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश के अनेक छोटे-बड़े शहरों, गाँवों के श्रद्धालुजन जैसे नागपुर, कोल्हापुर, सांगली, अकोला, अमरावती, कल्याण, पनवेल, बिलासपुर, रायगढ़, तिल्दा, राजिम, भिलाई, परसदा, भाटापारा, दुर्ग, राजनंदगांव, जालना, अमरकंटक, भोपाल, खंडवा, पैन्ड्रा, अनूपपुर, शहडोल, पाली, उमरिया, कटनी, जबलपुर आदि से पधारे व दोनों ही दिवस सतगुरु रहमत की बारिश में भीग, निष्काम सेवा कर, सतगुरु भगति के साचे धन को पाया, सत्संग के अमृत वचनो का लाभ प्राप्त किया व सतगुरु बाबाजी के श्रीचरणों में माथा टेक दया आशीष प्राप्त की व भंडारा प्रसाद ग्रहण कर अपने गतंव्य की ओर गए।
 
अतः अगर हम रुक पूरे गुणों का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मोहि मिलो गुर सतगुरु पूरा अति सुखकारक और दुखहरन है पूरण सतगुरु श्रीदर्शन।

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कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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