Mere Dil Ne Uff Tak Na Ki
Mere Dil Ne Uff Tak Na Ki|मेरे दिल ने उफ्फ तक ना की
खाई थी गहरी चोटघाव भी था गहरा
फिर भी है मैंने कुरेदा
घाव बढ़ा, दर्द हुआ
किया राग फिर से
मोह ने बांधी पट्टी
हुआ मैं नेत्र विहीन
खोया मैं दिवास्वप्न में
फिर आया काल चक्र
खुली मोह की पट्टी
हुआ अंत: रुदन फिर से
हृदय ने सहा आघात,
दोष था बेहोश मन का
चुप रहा, देखता रहा खाली,
दिल ने उफ्फ तक ना की
रोया, हुआ बेचैन बस खाली,
कोने में पड़ा धड़कता रहा
घाव को चुपचाप भरता गया
हाँ! मेरे दिल ने उफ्फ तक ना की |