Rajdaar dariya by priya gaud
June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
राज़दार दरिया
दरिया सबकी मुलाकातों की गवाह रहती है
कुछ पूरी तो कुछ अधूरी किस्सों की राजदार रहती है
आँखे बंद हो तो जिसकी सुकुन भरी एक बयार रहती है
वो कहे अनकहे शब्दों की एक यादाश्त रहती है
जलाई थी जहां सिगरेट वहां धुन्ध बेसुमार रहती है
ढूंढ रहे थे वो रोशनी जो हमेशा से मेरे आस पास रहती है
सभी ली गयी तस्वीरों की एक कहानी ख़ास रहती है
यादें, कहानी, तस्वीरें ना हो तो सब बेज़ान रहती है ।
@प्रिया गौड़
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