Acche insan ki pahchan by Jitendra kabir

 अच्छे इंसान की पहचान

Acche insan ki pahchan by Jitendra kabir


खुद के लिए हो अच्छा

सबसे पहले एक इंसान,


हो सके जहां तक

रखे अपने शरीर का ध्यान,


उन चीजों से रहे दूर भरसक

पहुंचा सकती हों जो नुकसान,


अच्छे विचारों का लगातार

मन में अपने करता रहे संधान,


ज्ञानी लोगों की संगत करके

क्षमता अनुसार ग्रहण करे ज्ञान,


उसके बाद हो अच्छा

अपने परिवार के प्रति इंसान,


उनकी जरूरतें समझते हुए

इच्छाओं को दे उचित मान,


भावनात्मक रूप से जुड़ाव हो

जैसे शरीर कई, एक हो जान,


पड़ोसियों, रिश्तेदारों के लिए भी

उसके मन में हो सम्मान,


खुशियों में शामिल खुले मन से

गमों में बने उनका निगहबान,


इसी क्रम में अपने राज्य, देश,

एवं विश्व समुदाय के लिए

हो कल्याणकारी उसका विधान,


तभी करेगा अपने जन्म को सार्थक

बनेगा एक विश्व नागरिक महान,


खुद के लिए, परिवार के लिए,

अपने आस-पड़ोस के लिए

अच्छा जो न हो इंसान,

देश-दुनिया के लिए उसका 

अच्छा होना कदापि नहीं आसान।


                            जितेन्द्र 'कबीर'


यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।

साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'

संप्रति - अध्यापक

पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश

संपर्क सूत्र - 7018558314

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