Murdo ki basti by R.S. meena

मुर्दों की बस्ती

Murdo ki basti by R.S. meena



जुल्म करना तो यहाँ ,हैवानों की मस्ती हैं ।

मिटा दे खानदान को, वो बड़ी हस्ती हैं ।।

चाहे जिसे मारे ,गरीबों की जान सस्ती हैं ।

हालत बड़ी खस्ती है ,यहाँ मुर्दों की बस्ती हैं ।।


ऐसे भी हैवान छुपे हैं जो वतन परस्ती हैं ।

माँ बहनों से आये दिन ,हो रही जबरदस्ती हैं ।।

किसे जगाऊँ सो रहे हैं सब,यही तो विपत्ती हैं ।

झूठ नहीं भर रत्ती हैं ,यहाँ मुर्दों की बस्ती हैं ।।


छुआछूत और जातिवाद, ये मानसिक विकृति हैं ।

किसी में कोंग्रेस बीजेपी, तो किसी में अंधभक्ति हैं ।।

खिलाफ जुल्म के कोई न बोले,ऐसी बनी प्रवर्ति हैं ।

हर झूठ के संग में हस्ती हैं, यहाँ मुर्दों की बस्ती हैं ।।


जीत सकते हैं हम भी,पास मेरे इक युक्ति हैं ।

मिलकर सब विरोध करो,संग़ठन में शक्ति हैं ।।

"स्वरूप" किसे समझाये,मारी गई सबकी मत्ती हैं ।

मझदार में मेरी कश्ती हैं, यहाँ मुर्दों की बस्ती हैं ।।

     === R.S.meena Indian✍️===

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