shrafat kavita by anita sharma jhasi
July 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
शराफत
शराफत से जीने का मजा कुछ और है यारों।
नहीं पैसा नहीं गाड़ी पर इज्जत बेशुमार है।
चेहरे पर मुस्कान असीम शान्ति रहती है।
सुख चैन मन में बसा,गहरी नींद आती है।
शराफत सीख ली जिसने,सुकून मिलता है।
शराफत से जीने का मजा कुछ और है यारों।
न चिंता है,न थकावट है,खुशी बेहिसाब है।
अमन चैन शराफत से सुखी संसार होता है।
न हो मन में बेईमानी,न चिंतित जीवन हो।
जियो खुलकर निश्चिंतता से जीवन को।
शराफत हो,दुआएं हो ,भले विचार संग हो।
आनंदित मन तरंग हंसी खुशी जीवन में हो।
----अनिता शर्मा झाँसी
----मौलिक रचना
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