Mera vatan Hindustan kavita by mainudeen kohri
August 14, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
कविता
मेरा वतन हिन्दुस्तान
मेरा वतन - मेरा वतन प्यारा है हिन्दुस्तान
सबसे प्यारा मेरा प्यारा वतन है हिन्दुस्तान
गगन को छूले ऊँचा शिखर जहाँ हिमालय
जहाँ से निकले नदियाँ वो मेरा हिन्दुस्तान
उतर का बड़ा मैदान नदियों से है खुशहाल
खाद्यान जहाँ निपजे वो वतन है हिन्दुस्तान
विभिन्नता मेंभीएकता जहाँ नजर आती हो
विभिन्न जाति धर्मो का प्यारा है हिन्दुस्तान
काशमीर से केरल तक एकता का संचार
पूर्व से पश्चिम एक सूत्र में बंधा हिन्दुस्तान
एक संविधान की छत्रछाया में सवा अरब
एक भाषा से जुड़ा मेरा प्यारा हिन्दुस्तान
हिन्दु मुस्लिम सिक्ख ईसाई वतन के लाल
इनकी ताकत से फले-फूले मेरा हिन्दुस्तान
मेरे वतन की महक से महके दुनियाँ सारी
'नाचीज'तकदीर से तू जन्मा वो हिन्दुस्तान
स्वरचित/मौलिक
रचनाकार:-मईनुदीन कोहरी "नाचीज "
बीकानेर, राजस्थान
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