Sathi hath badhana by Anita Sharma

 *साथी हाथ बढ़ाना*

Sathi hath badhana by Anita Sharma


साथी हाथ बढ़ाना,

एक अकेला थका हारा हो,

साथ साथ बढ़ना उसके।

हाथों को थामे रखना अपनो का साथ।

****

जीवन के झंझावातो से सीखें ,

निष्काम भाव का पाठ ,

गिरतो को संबल देना थामे रखना हाथ।

***

कर्तव्य स्मरण रहे सदा ही,

झुक कर अग्रसर होना जीवन में,

अंहम्-अंहकार से दूर-दूर  ही सहजता अपनाना।

***

कहीं कोई मजबूर मिले तो,

सबंल देकर साथी हाथ बढ़ाना,

सार्थक जीवन को कर उनमें खुशियों से भर लेना।

***

साथी हाथ बढ़ाना ।।।

-----अनिता शर्मा झाँसी

-----मौलिक रचना

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