Slow Zindagi
Slow Zindagi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए है एक खूबसूरत लेख Slow Zindagi . तो पढिए इस खूबसूरत लेख Slow Zindagi को और आनंद लीजिए -Slow Zindagi
इस भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में थकना मना है .....Remember these lines....एक ad था जो टेलीविज़न पर आता थाआज ऑफिस से लौटते हुए यूँ ही याद आ गया और मन ही मन हँसी आ गयी , शरीर थक गया चलो Supplements लेते है मगर मानसिक थकान का क्या , क्या उसकी कोई दवा नही |
क्योकि हम मानसिक थकान को अहमियत नही देते जबकि ये कई गुना घातक है | इसी सोच में डूबी थी कि अचानक फिर से Whatsapp Message का Notification आया Check किया तो ऑफिस ग्रुप से एक Message था , कोफ़्त हुई और घुटन भी इस ज़िन्दगी से , अभी तो पूरा दिन ऑफिस में काम किया , फिर से ऑफिस के बारे में क्यूँ बात करनी है ?
Technology लायी गयी थी काम को आसान बनाने के लिए इसलिए तो हमने इसे Adopt किया था कि हमारे समय की बचत होगी पर हों क्या रहा , ये तो हमसे हमारा समय ही ले गयी |बचपन में हम सबने एक Essay लिखा था - विज्ञान एक वरदान या अभिशाप, सच कहूँ तो तब ये अभिशाप समझ नही आया , तब बस वरदान ही नजर आया सब कुछ तो था वो वीडियो गेम्स Mario, Snake गेम पापा के मोबाइल पर , सब कुछ कितना अच्छा था ! पर जब ज़िन्दगी एक 5.5 इंच के एक डब्बे में सिमट गयी तब पता चला की ये अभिशाप कैसे था | याद नही कितना वक़्त पहले शांत होकर अपनी पसंद का कोई गाना सुना , या कोई मनपसंद Book पढ़ी थी ,दुःख होता है ये सब देख कर जिसके जिम्मेदार सिर्फ हम हैं और कोई नही | इतना भाग कर जाना कहाँ है ज़रा दो पल राहत की सांस तो ले लो
अभी कुछ महीने पहले की बात है लगता था कि वो बचपन की शामें नही होती , बस रात ही हो जाती है, वो गौरैया नही आती अब आँगन में , तारे भी नही नज़र आते , लगता था सब बदल गया पर ये भ्रम टूट गया जब Covid -19 ने ज़िन्दगी की रफ़्तार पर ब्रेक लगा दी .... हम कैद हो गये अपने घरों में पर बचपन का जमाना लौटते हुए देखा -अभी भी गौरैया आती है , तितलियाँ भी उड़ती है और रात को तारे भी टिमटिमाते है .....
इस बीमारी ने खुद से रूबरू होने का मौका दिया , इसे महसूस करें ज़िन्दगी कोई Race नही .... ज़रा Slow चलें |
अगर आप भी कुछ ऐसा महसूस कर रहे है तो Please Life का Accelerator छोड़कर Break लगायें और थोड़ा सा थम जायें ...... वैसे भी आपने सुना तो जरुर होगा -