Thekedaro ka vikash by Jitendra Kabir
September 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
ठेकेदारों का विकास
छोटा ठेकेदार पंचायत स्तर पर
करता है प्रचार और समर्थन
'दल विशेष' का,
बदले में पाता है छोटे-मोटे काम,
छोटे स्तर के विभागीय अधिकारियों को
खिला-पिलाकर बचा लेता है ठीक ठीक पैसा,
ईमानदारी और विकास जैसी बातें उसकी
प्राथमिकता में नहीं,
दल विशेष की सरकार रहते
ज्यादा से ज्यादा पैसा कमा लेना
एकमात्र उद्देश्य है उसका।
बड़ा ठेकेदार तहसील व जिला स्तर पर
करता है प्रचार और समर्थन
'दल विशेष' का,
चुनावी चन्दा भी देता है,
बदले में पाता है बड़े-बड़े ठेके,
विभाग के बड़े अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को
खिला-पिलाकर कमाता है मोटा पैसा,
विकास और राष्ट्रनिर्माण जैसी बातों से इनका आशय
सिर्फ अपना विकास और सम्पत्ति निर्माण होता है।
राजनीतिक दलों से नजदीकी के कारण
ऐसे बहुत से ठेकेदार बन जाते हैं जनप्रतिनिधि भी,
जिनसे ' जनसेवा ' और ' विकास ' की उम्मीदें
लगाकर ठगी जाती है जनता बहुत बार।
जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314
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