पहले से भी ज्यादा
भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा देकर
सरकार बनाने वाले लोग
जब खुद ही लिप्त रहें सारा समय
जोड़ तोड़ से
दूसरे दलों के विधायक व सांसदों की
खरीद फरोख्त में,
फिर मिटना कहां से था भ्रष्टाचार
वो तो पहले से भी ज्यादा
फलने-फूलने लगा है।
कानून के राज का नारा देकर
सरकार बनाने वाले लोग
जब खुद ही लिप्त रहें सारा समय
अपने कारनामों से
कानून और संविधान की
नींव कमजोर करने में,
फिर होना कहां से था कानून का राज
वो तो सत्तारूढ़ दलों के हाथों में
कठपुतली बन नाचने लगा है।
अखण्ड भारत का नारा देकर
सरकार बनाने वाले लोग
जब खुद ही लिप्त रहें सारा समय
धर्म व जाति आधारित भेदभाव को
बढ़ावा देने में,
फिर होना कैसे था अखण्ड भारत का
स्वप्न साकार,
अब तो पहले से भी ज्यादा यहां
नफरत और हिंसा का दानव
अपने पांव पसारने लगा है।
जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314
हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि एवं शायर चन्द्र प्रकाश गौतम (सी.पी. गौतम) का जन्म 13 अगस्त सन् 1995 को उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जनपद के छीतकपुर गाँव में हुआ ।
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई
इन्होंने उच्च शिक्षा स्नातक की पढ़ाई काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से की तथा यहीं से हिन्दी साहित्य में परास्नातक की पढ़ाई भी की ।
स्नातक व परास्नातक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है।
चन्द्र प्रकाश गौतम की हिन्दी साहित्य में विशेष रुचि है ।
इन्होंने कई महत्वपूर्ण कविताओं एवं आलोचनात्मक लेखों का सृजना किया है , जो देश के विभिन्न राज्यों के दैनिक समाचार पत्रों , पत्रिकाओं में प्रकाशित है साथ ही इनकी कुछ रचनाएं भारत के अलावा अमेरिका में भी प्रकाशित हुई हैं
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