पति - पत्नी का रिश्ता

October 23, 2021 ・0 comments

 पति - पत्नी का रिश्ता

pati patni ka rista by Jitendra Kabir


दुनिया में बहुत से लोग

पति - पत्नी के रूप में 

साथ साथ रहे एक छत के नीचे

बहुधा एक ही कमरे में उम्र भर,


कइयों के मन में तो 

प्रगाढ़ प्रेम बना रहा इक - दूजे के प्रति 

जिंदा रहे वो जब तलक,

लेकिन बहुत से ऐसे भी रहे

जिनके मन का मेल 

न हो पाया जीवन भर,


कुछ ऐसे भी लोग रहे

जिन्हें शुरू शुरू में बड़ा खुमार चढ़ा

एक - दूसरे का

लेकिन बाद के वर्षों में

बर्तनों की भांति बजबजाते रहे

छोटी बड़ी बातों के ऊपर,


और बहुत से ऐसे

जिन्होंने कर तो लिया अपनी

परिस्थितियों से समझौता 

सामाजिक छवि, सुरक्षा एवं लोक लाज को

मद्देनजर रखते हुए,

लेकिन कुढ़ते रहे मन ही मन वर्षों तक

अपने नसीब को कोस कोसकर,


जिनके मन मिल गये

इक दूजे से

उनके लिए तो स्वर्ग रहा इसी धरती पर,

लेकिन मिले नहीं मन जिनके

उन्होंने इस रिश्ते की खूब कीमत चुकाई

आए दिन मानसिक यंत्रणाओं

से गुजर गुजरकर।


                                      जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314

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