बाल दिवस
आज नवाजेँ चालों अपने नौ निहालों को
सजाएं उनके जीवन को बचाएं उन्हे बालाओं से
सुख दुःख से कराएं उन्हे अवगत
बनाएं उन्हे सृहद परिजन
नादानियों के कांटों में पनपते इन फूलों को
गुलजार हमें बनाना हैं
इन्हे सीखाना हैं मानव बनना
मशीनों के बीच न बन के रह जाए वे मशिनें
आज के परिपेक्ष में भी उन्हें अपने ही संस्कारों को आगे बढ़ाना हैं
जगानी हैं एक अगन आगे बढ़ने की
ऐसी लगन को दिल में लगाना हैं
भूले नहीं हम सभी अपने फर्ज को
उन्हे भी यही पाठ पढ़ाना हैं
चले वो अपने ही धर्म कर्म पर
भूले न मानवता को
इस प्यारी पृथ्वी को उन्हे ही सजना हैं
बाल दिवस को आओं मनाएं
नए जमाने के तरीकों से
हट जाए भले हम पुरानी लकीरों से
पर न भूले अपने रिवाजों को
जयश्री बिरमी
अहमदाबाद
हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि एवं शायर चन्द्र प्रकाश गौतम (सी.पी. गौतम) का जन्म 13 अगस्त सन् 1995 को उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जनपद के छीतकपुर गाँव में हुआ ।
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई
इन्होंने उच्च शिक्षा स्नातक की पढ़ाई काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से की तथा यहीं से हिन्दी साहित्य में परास्नातक की पढ़ाई भी की ।
स्नातक व परास्नातक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है।
चन्द्र प्रकाश गौतम की हिन्दी साहित्य में विशेष रुचि है ।
इन्होंने कई महत्वपूर्ण कविताओं एवं आलोचनात्मक लेखों का सृजना किया है , जो देश के विभिन्न राज्यों के दैनिक समाचार पत्रों , पत्रिकाओं में प्रकाशित है साथ ही इनकी कुछ रचनाएं भारत के अलावा अमेरिका में भी प्रकाशित हुई हैं
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