Kaliyo ki shahjadi by vijay Lakshmi Pandey
#कलियों की शहजादी...!!!
कलियों की शहजादी कोई
अरमानों की डोली चढ़
हरियाली मखमल की
सेज सजा
ओढ़ घटाओं की
सतरंगी चादर..!!!
रंगीन ख्वाब से सराबोर ,
अधजगे नयन
अलसाई
मतवारी कचनार ..!!!
चंचल आँचल
धानीं चूनर ,
उपवन सा मणिमय यौवन,
सोइ रही लताओं में..!!!
सखि सहगामिनि संग
"विजय"के स्वप्न जगे
"पछुवा" झोंके सेअधर हिले
अरमानों के फूल खिले..!!!
बगिया महकी
कलियाँ बहकी
तरुणी परियों नें चुटकी ली
हंसी ठिठोली ,
छुप-छुप कर
भंवरे नें गुन -गुन राग दिए ..!!!
ऐसे में निपट अनाड़ी
निर्मोही पुरुवाई नें
हौले से झोंका एक,
लगा दिए ..!!!
उठ बैठी शहजादी ,
सकुचाई ,शरमाई
हरजाई "पुरुवा" तूनें
मधुर स्वप्न से जगा दिए ..!!!
न जाने कब ??
बातों बातों में
बैरी नें
उलझा दिए।।✍️✍️