मुबारक हो नया साल-अजय प्रसाद

मुबारक हो नया साल

मुबारक हो नया साल-अजय प्रसाद
लो फ़िर से नया साल मुबारक हो
ज़िंदगी ये खस्ताहाल मुबारक हो।

बस चंद रोज की है ये चकाचौंध
फ़िर वही जी जंजाल मुबारक हो।

सुबहोशाम करना खुद को तमाम
दिनोरात अच्छे खयाल मुबारक हो।

घर,दफ्तर,बाज़ार,है आदमी लाचार
मुफलिसी और मलाल मुबारक हो।

अमीरों को अमीरी,गरीबों को गरीबी
कमाई हराम और हलाल मुबारक हो ।

संसद,संविधान,समस्याएँ,सियासत
ज्म्हुरियत के लिए सवाल मुबारक हो।

भूल कर हर गम जश्न मनाते हैं लोग
दोस्तों कुदरत का कमाल मुबारक हो।

अजय प्रसाद

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