भावनाओं को व्यक्त-डॉ. माध्वी बोरसे
भावनाओं को व्यक्त!
क्यों होते हैं हम स्वयं के साथ सख्त,
चलो करें, अपनी भावनाओं को व्यक्त,
चिकित्सक भी होता है कभी बीमार,
उसको भी जरूरत पड़ता है एक चिकित्सक!
हां हम सभी को है हक,
तो किस बात का है मन में शक,
एक बालक की तरह कर दे सब बयां,
स्वयं पर और अपनों पर भी भरोसा रख!
चल स्वयं को हृदय से परख,
जन्नत सी जिंदगी को क्यों बनाए नरक,
समझदारी में अपनी मासूमियत कहीं ना खोदे,
ना रहे, स्वयं के अंदर कोई कसक!
क्यों होते हैं हम स्वयं के साथ सख्त,
चलो करें, अपनी भावनाओं को व्यक्त,
चिकित्सक भी होता है कभी बीमार,
उसको भी जरूरत पड़ता है एक चिकित्सक!