शेखियां बघारने का मौसम- जितेन्द्र 'कबीर'
शेखियां बघारने का मौसम
चुनाव आ गये हैं और अब...
देश को तरक्की की राह परले जाएगा कोई,
तो कोई यहां से भ्रष्टाचार मिटाएगा,
मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त राशन,
मुफ्त गैस दिलाएगा कोई,
तो कोई यहां से गरीबी, भुखमरी हटाएगा,
अपराध मुक्त समाज का सपना
दिखाएगा कोई,
तो कोई अपराधी को ही निर्दोष ठहराएगा,
देश के प्राचीन गौरव को
वापस लौटाएगा कोई,
तो कोई धर्म विशेष का झंडा लहराएगा,
किसी जाति को आरक्षण का लाभ
दिलाएगा कोई
तो कोई सामाजिक समरसता के गीत गाएगा,
देश के दुश्मनों को सबक
सिखाएगा कोई,
तो कोई लोगों में ही फूट डलवाएगा,
वोटों के इस व्यापार में
सुहाने सपनों से अपनी दुकान सजाएगा कोई,
तो कोई हर बार की तरह
इस बार भी ठगा ही जाएगा।