सिर्फ शुद्धिकरण ख्याति पाए-वीना आडवानी तन्वी

February 13, 2022 ・0 comments

सिर्फ शुद्धिकरण ख्याति पाए

सिर्फ शुद्धिकरण ख्याति पाए-वीना आडवानी तन्वी
क्या साहित्यकार वही सही
जिसके शब्दों में शुद्धिकरण समाए
मात्रा, अलंकारों में कोई कमी न आए।।
क्या एक गलती मात्र भी साहित्यकार
को सफलता नहीं दिलाए ?

आज फिर एक मुहावरा आप सभी को समझाए
बच्चपन में पढ़े एक मुहावरा उसकी याद दिलाए
पांचों उंगलियां न होती समान यही मुहावरा
बच्चों कि शिक्षा को लेकर मास्टर, मां-बाप सुनाए।।

उसी तरह साहित्यकारों में कोई बच्चपन से ज्ञानी
तो कोई कम ज्ञानी भी साहित्यकार बन जाए।।
साहित्यकार तो बस अपने चित्कार, जज़्बात सजाए
कम ज्ञानी कहां मात्रा, अलंकार, गणना करता
वो तो जो वही लिखता जो जज़्बात लिखवाए।।

बहुत से पटलों पर साहित्य प्रतियोगिता हम पाए
जो प्रतियोगिता के बहाने कविता लेकर पुस्तकें
प्रकाशित करवा अपनी मोटी कमाई चाहे।।
पका पकाया, त्रुटि रहित कविता को प्रथम बताएं
सच मर गये सच्चे जज़्बात जो दिल पर तीर चलाए।।

कोई ऊर्दु , शब्दों कि भरमार लिखे कविता में तो
कोई शब्दों के एसे-एसे खतरनाक बम बरसाय
जिसमें शब्द का अर्थ तक अकसर समझ न आए
फिर भी एसे शब्द के बम बरसाने वाले साहित्यकारों
कि कविता की प्रशंसा न समझ आने पर भी लोग,
साहित्यकार वाह-वाही कर खूब हौसला बढ़ाए।।

सच एसे में सिर्फ सच्चे साहित्यकार के
जज़्बात घुट-घुट के मरते जाएं।।२।।
सिर्फ शुद्धिकरण ख्याति पाए।।२।।

वीना आडवानी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्


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