गुजरात में ऐतिहासिक फैसला
गुजरात में ऐतिहासिक फैसला
अहमदाबाद में हुए विस्फोट के 49 गुनहगारों को हत्या और हत्या की साजिश में दोषी करार कर दिया गया था किंतु सज़ा का फैसला सुनाना बाकी था।77 में से 28 को बेकसूर और 49 को कसूरवार पाया गया था।सरकारी वकील सुधीर ब्रह्मभट्ट ने कहा कि 49 दोषियों को फांसी से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती हैं।
2008 में जब विस्फोट हुए उसकी तहकीकात में जो सामने आया उसमें,सभी आतंकियों को पावागढ़ के और तमिलनाडु के जंगल में ट्रेनिंग दी गई थी।दोषियों के वकील की भी दलील सुन कर ही जज साब ने सुनवाई की हैं।
ये फैसला एक ऐतिहासिक फैसला हैं जिसने 14 साल बाद ही सही लेकिन सही फैसला हुआ हैं। रेयरेस्ट ऑफ़ द रेयर केस गिना गया हैं जिसमे इरादतन हत्या का केस मान कर चुकदा दिया गया हैं।38 आरोपियों को फांसी की सजा दी गई हैं तो 11 को आजीवन (जबतक जीए तब तक)कारावास की सजा दी गई हैं।कई निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या करने वालों ने 70 मिनिट में 21 विस्फोट किए थे जिसमे 21 बम धमाकों में 56 लोगों की जानें गई थी और 200 लोग घायल हुए थे।गोधरा काण्ड का बदला लेने की साजिश को ऐसे अंजाम दिया गया था।2009 से चलते केस में 1163 विटनेस थी और 347800 पन्नों की 548 चार्जशीट तैयार की गई थी।14 सालों में 7 जज बदले गए और 3आरोपी पाकिस्तान और 1सीरिया भाग गए थे। इसमें यासीन भटकल जो दिल्ली जेल में बंद हैं उस पर अलग से मुकदमा चलेगा।कुल 77 आरोपी थे जिसमे से 49 जो अहमदाबाद में थे उनका फैंसला तो हो गया लेकिन भोपाल में 10,मुंबई की तलोजा जेल में 4,बेंगलुरु की जेल में 5,केरल की जेल में 6 और जयपुर की जेल में 2 आरोपी हैं जिनका फैंसला अभी बाकी हैं।
देश की शांति को भंग करने वालों को सजा दे आज एक ऐतिहासिक फैंसले में घायलों और मरने वालों को न्याय मिला हैं।मरने वालों के संबंधियों को और
घायलों को भी आर्थिक सहाय भी जाहिर की गई हैं।
जयश्री बिरमी
अहमदाबाद