यादों का सिलसिला- डॉ इंदु कुमारी

यादों का सिलसिला

यादों का सिलसिला- डॉ इंदु कुमारी
तेरी हसीन यादों का
सिलसिला अमिट है
धूमिल नहीं होने वाली
प्रेम पौधे उगाने वाली
दमकती चेहरे की तरह
तरुणाई गजब है ढाती
सुखी टहनी में भी है
जान डाल देने वाली
शब्दों की समंदर में जब
सदा दिल गोता लगाता रहा
तुम्हारी एक एक शब्दों का
मेरे जीवन ज्योति की
सदा लौ बढ़ाने वाली
दिल हमारी तेरी ही
तरन्नुम की गीत गाती है
बदस्तूर ही जारी है
ना कम होगी यह तराना
दिल पटल पर लख जाना
थमते नहीं प्रिय तेरी
यादों का सिलसिला।

डॉ इंदु कुमारी 

मधेपुरा बिहार

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url