मौत की विजय- जितेन्द्र 'कबीर'

मौत की विजय

मौत की विजय- जितेन्द्र 'कबीर'
दुनिया के सभी युद्धों में
पराजय जीवन की
और विजय मौत की होती है,
शक्तिशाली होने का भ्रम
पाले बैठा है जो
एक दिन उसकी भी हस्ती
जमींदोज होती है।
कब्जे किए जा सकते हैं
घरों और जमीनों पर हथियारों
के जोर से
लेकिन दिलों पर राज करने के लिए
प्रेम व स्नेह की ही डोर होती है,
लाश हो जाती है इंसानियत
युद्धों के परिणामस्वरूप,
शांति और भाईचारे से ही
मानवता की भोर होती है।
जिन्होंने गंवाया है
अपने परिजनों को युद्धों में
उनसे पूछो जाकर
इन विनाशकारी युद्धों के मायने,
बाकी दुनिया के लिए तो यह
सिर्फ तमाशे की बात होती है,
उजड़ते हैं आशियाने जिनके
युद्धों में
उनके लिए मुश्किल काटना
कितनी हर एक रात होती है।

जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति-अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314

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