प्रेम रहेगा हमेशा- जितेन्द्र 'कबीर'
March 25, 2022 ・0 comments ・Topic: Jitendra_Kabir poem
प्रेम रहेगा हमेशा
हम पहले इंसान नहींजो प्रेम में हैं
और विश्वास करो
कि हम आखिरी भी नहीं होंगे,
नफरत, घृणा, स्वार्थ, हिंसा
और क्रूरता का यह दौर
मिटा नहीं पाएगा प्रेम को,
यह पनप उठेगा
किसी न किसी रूप में,
पनपता आया है जैसे यह
सदियों से,
हां, आज इसको अपने हृदय में
जीवित रखने की जिम्मेदारी
हमारी है,
हमारे बाद किसी और की होगी
लेकिन यह सिलसिला चलता रहेगा यूं ही
रहती दुनिया तक।
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