अच्छाई का पैमाना- जितेन्द्र 'कबीर'

March 26, 2022 ・0 comments

अच्छाई का पैमाना

अच्छाई का पैमाना- जितेन्द्र 'कबीर'
अच्छा सैनिक कौन है?
वो जो अपने सेनापति एवं शासक
के आदेश पर
युद्ध छेड़ दे अपनी जान की परवाह
न करते हुए,
बहादुरी दिखाते हुए
अपनी जान दे या फिर ले ले
सामने वाले की जान,
सामने वाला उसका दुश्मन है या दोस्त
यह उसका शासक तय करता है,
एक अच्छा सैनिक है वो
जो अपने शासक के लिए बेमौत मरता है।
अच्छी प्रजा कौन है?
वो जो अपने प्रतिनिधियों एवं शासकों
की सुख-सुविधा के लिए
सारे संसाधन जुटाती है छत्तीस प्रकार के
टैक्स भरते हुए,
शराफत दिखाते हुए
चुपचाप रख ले जो अपने शासकों की
हर इच्छा का मान,
आसमां पर सूरज देखेगी वो या चांद
यह उसका शासक तय करता है,
एक अच्छी प्रजा है वो
जिसकी कीमत पर उसका शासक ऐश करता है।
दुनिया भर के शासक बहुत अच्छे हैं,
वो अपने सैनिकों एवं प्रजा से चाहते हैं
शिकारी कुत्तों और भेड़-बकरियों
जैसी वफादारी,
जो कोई ऐसी वफादारी नहीं दिखाता
उनके लिए,
उसे बिना विलंब घोषित कर दिया जाता है
बागी, विद्रोही और कई बार देशद्रोही,
देशभक्ति अथवा स्वामी-भक्ति की परिभाषा
केवल शासक तय करता है,
आखिरकार कौन से देश का शासक
प्रजा के हित को अपने हित से ऊपर रखता है।

जितेन्द्र 'कबीर'
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम - जितेन्द्र 'कबीर'
संप्रति - अध्यापक
पता - जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र- 7018558314

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