अंतराष्ट्रीय इंटर्नशिप विश्वविद्यालय ने चलाया विश्व का सबसे बड़ा वृक्षारोपण अभियान

अंतराष्ट्रीय इंटर्नशिप विश्वविद्यालय ने चलाया विश्व का सबसे बड़ा वृक्षारोपण अभियान

अंतराष्ट्रीय इंटर्नशिप विश्वविद्यालय ने चलाया विश्व का सबसे बड़ा वृक्षारोपण अभियान
400 से अधिक सहयोगियों व 50 देशों ने लिया पहले चरण में हिस्सा
चार चरणों में दस लाख से अधिक पौधे 195 देशों में लगाने का लक्ष्य

अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप विश्वविद्यालय (आईआईयू) द्वारा सबसे बड़ा वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है जिसमे स्वर्ण भारत परिवार से डॉ दीप्ति राजोत्या व विश्व के 50 देशों के 400+ संस्थानों, स्कूलों और संगठनों ने परियोजना निदेशक सुश्री एर्मिना ओप्रीकन के नेतृत्व में वृक्षारोपण अभियान के पहले चरण में भाग लिया। पर्यावरण बचाने के लिए विभिन्न गतिविधियों में भाग लेकर आईआईयू द्वारा इस अनूठे अभियान का हिस्सा छात्र, शिक्षक, जिम्मेदार नागरिक और परिवर्तन निर्माता थे। लेट्स प्लांट अराउंड द वर्ल्ड इवेंट वस्तुतः आयोजित किया गया था फेसबुक पर 1000+ जुड़ाव और 2000+ टिप्पणियों के साथ, 6 वक्ताओं जैसे कि तंजानिया से एलीबाहाटी ज़ाब्लोन किमारो, ट्यूनीशिया से फेथी लेटाइफ, जिम्बाब्वे से ट्रस्ट मुटेकवा, डॉ विजय। भारत के कुमार साल्विया और रोमानिया की सुश्री कोरिना सुजदिया ने पर्यावरण बचाओ के बारे में अपने बहुमूल्य विचार साझा किए हैं। इंटरनेशनल इंटर्नशिप यूनिवर्सिटी के सह-संस्थापक और सीओओ पीयूष पंडित ने एसडीजी पर अपने प्रेरक भाषण के साथ सभा को समृद्ध किया और यह स्थायी भविष्य की आवश्यकता है। 195 देश दूरदर्शी अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप विश्वविद्यालय के सह-संस्थापक और सीओओ, श्री पीयूष पंडित के नेतृत्व में चार चरणों में 10,00,000+ पेड़ लगाएंगे। हम सभी को पेड़ लगाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए हरा-भरा भविष्य बनाने के लिए हाथ मिलाने के लिए आमंत्रित करते हैं। हम दुनिया भर के अपने सभी भागीदारों को वृक्षारोपण अभियान में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद देते हैं। आईआईयू बोर्ड के सदस्यों की इस अनूठी पहल के लिए कड़ी मेहनत काबिले तारीफ है। आईआईयू ने बेहतर और सतत भविष्य के लिए पौधे लगाने, उनका पोषण करने और पेड़ उगाने की पहल की है। कार्यक्रम के दौरान पीयूष पण्डित ने कहा कार्यक्रम का यह पहला चरण है जो टीम वर्क की वजह से सफल रहा साल के अंत तक तीन और चरण के द्वारा दस लाख पौधे लगाए जाएंगे सभी पौधों को मैप द्वारा सांकेतिक तौर पर दर्शाया जायेगा । ऑनलाइन यह विश्व की पहली योजना है जो 195 देशों ने भाग लिया है ।
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